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Most interesting facts about Germany


Most interesting facts about Germany

  • Germany is one of the most densely populated countries in the world.
  • Germany shares borders with nine other countries – Denmark, Poland, the Czech Republic, Austria, Switzerland, France, Belgium, Luxembourg and the Netherlands.


  • Germany is one of the world’s largest car producers.

  • Berlin has the largest train station in Europe.

The first printed book was in German.


  • 65% of the Autobahn (highway) has no speed limit.

  • German is the most widely taught third language across the world

  • College is free for everyone (even non-Germans).

  • Smoking is banned in public places but drinking alcohol is still legal.

  • Most taxis in Germany are Mercedes.


  • The German shepherd is the second most popular breed of dog in the United States.

  • The German Chancellor’s office in Berlin is known locally as “the Washing Machine.

  • In Germany, parents cannot give their infants a first name before getting approval from the local Standesamt (Office of Statistics).

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Oxygen cylinder चौकोर क्यूं नहीं होते

 आपने गैस सिलेंडर या ऑक्सीजन सिलेंडर कई बार  देखा होगा कभी आपने सोचा है की ये गोल ही क्यूं होते है  चाहे उस सिलेंडर मै कोई भी गैस भरी हो चाहे वह छोटा हो या बड़ा हमेशा बेलनाकार ही होते हैं कभी भी  चोकोर या  गोल नहीं होते इसके अलावा अस्पतालों तक ऑक्सीजन पहुंचा रहे टैंकर भी बेलनाकार ही होते हैं दरअसल जब भी किसी लिक्विड या गैस को किसी टैंकर में रखा जाता है तो सबसे ज्यादा प्रेशर उनके कोनों पर पड़ता है  तो ऐसे में  चौकोर टैंकर नहीं बनाए जाते क्योंकि कोनों में ज्यादा प्रेशर बनने से उनसे गैस लीक  होने या उनके फटने का डर ज्यादा होता है ऐसे में बिना कोने वाले  टैंकर में एक समान दबाव पड़ता है जिससे उसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना आसान हो जाता है  इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी बेलनाकार  सिलेंडर को ट्रक या गाड़ी में लोड करते हैं तो वह  ग्रेविटी प्रेशर बनाए रखते हैं जिससे सेंटर ऑफ ग्रेविटी भी कम होता है और ट्रक स्थिर रहता है  तो इसी वजह से टैंकर बिना कोने वाले या बेलनाकार होते हैं

क्रिकेट ग्राउंड में एक से ज्यादा पिचें क्यों होती हैं ?

आपने क्रिकेट मैच जिंदगी में कभी ना कभी देखा होगा  या  फिर आप उनमें से होंगे जो कभी क्रिकेट मैच को कभी भी मिस नहीं करते चाहे टेस्ट मैच हो या वनडे   या हो सकता है आपको  केवल आईपीएल देखने का शौक हो कुछ लोगों को क्रिकेट मैच का इतना शौक होता है कि उन्हें 2 देशों की दूरी भी कम पड़ जाती है कुछ लोग तो अपने फेवरेट  प्लयेर को सपोर्ट करने के लिए अपने बॉडी को तरह - तरह से पेंट तक करवा लेते हैं अगर आप भी क्रिकेट के शौकीन हैं तो क्या आप जानते हैं की क्रिकेट ग्राउंड में एक से अधिक पिच क्यों  होती हैं  इन सभी पिचों में 1 मेन पिच होती है  जो रिजर्व रहती है और उस पिच से छेड़छाड़ करना अलाउड नहीं होता और उस पिच पर मैच वाले दिन क्रिकेट खेला जाता है  पर अक्सर प्लेयर मैच से पहले प्रैक्टिस करते हैं तो इसीलिए साइड के पिच बनाए जाते हैं ताकि प्लेयर प्रैक्टिस कर सके क्योंकि मेन पिच तो मैच के लिए रिजर्व रहता है अगर  ग्राउंड में एक ही पिच होगा तो फिर प्लयेर प्रैक्टिस कहां करेगें  इसलिए मेन पिच के साथ बाकी की पिचें बनाई जाती है।

मरने के बाद नाक और कान में रुई क्यों डाली जाती है

 वेदों में मौत को अटल कहा गया है यानी जिसने इस दुनिया में जन्म लिया है उसकी उसका अंत निश्चित है  लेकिन आपने इस बात पर ध्यान दिया है कि जब किसी की मौत हो जाती है तो उसके नाक और कान में रुई क्यूं डाली जाती हैं  नाक और कान में रुई डालना कोई नई बात नहीं है लेकिन सवाल ये उठता है कि ऐसा किया क्यों किया जाता है  अधिकतर लोग इस बारे में नहीं जानते या फिर वह वही बातें जान पाते हैं जो कि जीते जी उनके साथ होती है  नाको और कानों में रुई कुछ खास वजह से डाली जाती है अगर विज्ञान की नजर से देखे तो जब इंसान मरता है तो उसके खुले भागों से कई तरह के तरल पदार्थ निकलते हैं जिनसे काफी ज्यादा बदबू आती है जिसे रोकने के लिए रुई का इस्तेमाल किया जाता है वहीं हमारे पुराणों में मौत को नई शुरुआत कहा गया है यानी मृत्यु के बाद आत्मा एक शरीर को छोड़कर दूसरे शरीर में प्रवेश करती है और इसी काम को आसान बनाने के बनाने के लिए ऐसा किया जाता है  पुराणों में कहा गया है अगर आत्मा मस्तिष्क के ऊपरी भाग से निकलेगी तभी दूसरा जन्म होगा नहीं तो वह इस संसार में भटकती रहेगी इसीलिए इंसान के मरने के बाद उसके ...