जब आप रेलवे क्रॉसिंग पर होते हो तो सामने लगे दो बैरियर लगे होते हैं जो ट्रेन आने के कुछ समय पहले बंद हो जाते हैं
ताकि रेलवे लाइन पर कोई ना जा पाए कुछ लोग फिर भी रेलवे क्रॉसिंग को पार करते हैं जिससे वे कभी-कभी हादसे का शिकार हो जाते हैं
लेकिन जब ट्रेन चल रही हो और अचानक से सामने कोई आ जाए और लोको पायलट उसे देख ले तब भी इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगाता
ऐसा इस वजह से ट्रेन के सामने जब भी कोई चीज आ जाती है तो उस समय ट्रेन को रोकने के लिए लोको पायलट को इमरजेंसी ब्रेक लगाने होते हैं
अगर वो ट्रेन 20-24 कोचो वाली है और 100km/h की स्पीड से चल रही है तो ब्रेक लगाने के लिए कम से कम 850 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए
और अगर सामने से माल गाड़ी आ रही है और वह 80km/h की स्पीड से चल रही है तो उसे ब्रेक लगाने के लिए कम से कम 1 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए और कितनी दूरी से चीजों को देखना मुश्किल हो जाता है
लोको पायलट जब किसी चीज को देख पाता है तो वह काफी कम दूरी पर होती है इसलिए लोको पायलट चीजों को देखने के बाद भी ब्रेक नहीं लगाता
इसके अलावा रात को वह उतना ही देख पाता है जहां तक इंजन की लाइट पहुंच पाती है
अगर रात को कोई भी भीड़ रेलवे ट्रैक पर हो तो वह ज्यादा दूर ही से नहीं दिख पाती इसी कारण ट्रेन को रोकना मुश्किल हो जाता है
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