Skip to main content

Ambedkar Statue in Hyderabad

A new Ambedkar Statue is unveiled at Hyderabad on Friday by Telangana CM K Chandrasekhar Rao. In the presence of Prakash Ambedkar, this statue is built with stainless steel and bronze metal. 

Ambedkar's Statue in Hyderabad features:-

Unveiled by:  KCR (K Chandrasekhar Rap)

Location: Hyderabad (Telangana)

Height of Ambedkar's statue: 125 feet 

The total stainless steel used: 360 tonnes 

Total Bronze used: 114 tonnes 

Ambedkar statue Sculpted by:  Ram Vanji Sutar from Maharastra is 98yr old 


Ambedkar's statue build on: the Bank of Hussain Sagar lake

Cost of this project: 146.50 crore 

This project was signed by the government with the KPC projects limited, Hyderabad. This project was signed on June 3, 2021, and the company had to complete the project within 12 months

Comments

Popular posts from this blog

मरने के बाद नाक और कान में रुई क्यों डाली जाती है

 वेदों में मौत को अटल कहा गया है यानी जिसने इस दुनिया में जन्म लिया है उसकी उसका अंत निश्चित है  लेकिन आपने इस बात पर ध्यान दिया है कि जब किसी की मौत हो जाती है तो उसके नाक और कान में रुई क्यूं डाली जाती हैं  नाक और कान में रुई डालना कोई नई बात नहीं है लेकिन सवाल ये उठता है कि ऐसा किया क्यों किया जाता है  अधिकतर लोग इस बारे में नहीं जानते या फिर वह वही बातें जान पाते हैं जो कि जीते जी उनके साथ होती है  नाको और कानों में रुई कुछ खास वजह से डाली जाती है अगर विज्ञान की नजर से देखे तो जब इंसान मरता है तो उसके खुले भागों से कई तरह के तरल पदार्थ निकलते हैं जिनसे काफी ज्यादा बदबू आती है जिसे रोकने के लिए रुई का इस्तेमाल किया जाता है वहीं हमारे पुराणों में मौत को नई शुरुआत कहा गया है यानी मृत्यु के बाद आत्मा एक शरीर को छोड़कर दूसरे शरीर में प्रवेश करती है और इसी काम को आसान बनाने के बनाने के लिए ऐसा किया जाता है  पुराणों में कहा गया है अगर आत्मा मस्तिष्क के ऊपरी भाग से निकलेगी तभी दूसरा जन्म होगा नहीं तो वह इस संसार में भटकती रहेगी इसीलिए इंसान के मरने के बाद उसके ...

Oxygen cylinder चौकोर क्यूं नहीं होते

 आपने गैस सिलेंडर या ऑक्सीजन सिलेंडर कई बार  देखा होगा कभी आपने सोचा है की ये गोल ही क्यूं होते है  चाहे उस सिलेंडर मै कोई भी गैस भरी हो चाहे वह छोटा हो या बड़ा हमेशा बेलनाकार ही होते हैं कभी भी  चोकोर या  गोल नहीं होते इसके अलावा अस्पतालों तक ऑक्सीजन पहुंचा रहे टैंकर भी बेलनाकार ही होते हैं दरअसल जब भी किसी लिक्विड या गैस को किसी टैंकर में रखा जाता है तो सबसे ज्यादा प्रेशर उनके कोनों पर पड़ता है  तो ऐसे में  चौकोर टैंकर नहीं बनाए जाते क्योंकि कोनों में ज्यादा प्रेशर बनने से उनसे गैस लीक  होने या उनके फटने का डर ज्यादा होता है ऐसे में बिना कोने वाले  टैंकर में एक समान दबाव पड़ता है जिससे उसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना आसान हो जाता है  इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी बेलनाकार  सिलेंडर को ट्रक या गाड़ी में लोड करते हैं तो वह  ग्रेविटी प्रेशर बनाए रखते हैं जिससे सेंटर ऑफ ग्रेविटी भी कम होता है और ट्रक स्थिर रहता है  तो इसी वजह से टैंकर बिना कोने वाले या बेलनाकार होते हैं

क्रिकेट ग्राउंड में एक से ज्यादा पिचें क्यों होती हैं ?

आपने क्रिकेट मैच जिंदगी में कभी ना कभी देखा होगा  या  फिर आप उनमें से होंगे जो कभी क्रिकेट मैच को कभी भी मिस नहीं करते चाहे टेस्ट मैच हो या वनडे   या हो सकता है आपको  केवल आईपीएल देखने का शौक हो कुछ लोगों को क्रिकेट मैच का इतना शौक होता है कि उन्हें 2 देशों की दूरी भी कम पड़ जाती है कुछ लोग तो अपने फेवरेट  प्लयेर को सपोर्ट करने के लिए अपने बॉडी को तरह - तरह से पेंट तक करवा लेते हैं अगर आप भी क्रिकेट के शौकीन हैं तो क्या आप जानते हैं की क्रिकेट ग्राउंड में एक से अधिक पिच क्यों  होती हैं  इन सभी पिचों में 1 मेन पिच होती है  जो रिजर्व रहती है और उस पिच से छेड़छाड़ करना अलाउड नहीं होता और उस पिच पर मैच वाले दिन क्रिकेट खेला जाता है  पर अक्सर प्लेयर मैच से पहले प्रैक्टिस करते हैं तो इसीलिए साइड के पिच बनाए जाते हैं ताकि प्लेयर प्रैक्टिस कर सके क्योंकि मेन पिच तो मैच के लिए रिजर्व रहता है अगर  ग्राउंड में एक ही पिच होगा तो फिर प्लयेर प्रैक्टिस कहां करेगें  इसलिए मेन पिच के साथ बाकी की पिचें बनाई जाती है।